#1 Terminology of Accounting - लेखांकन की परिभाषित शब्दावली

#1 Terminology of Accounting - लेखांकन की परिभाषित शब्दावली

आज आप जानेंगे टैली में व्यापार, पेशा, व्यवसाय, पुंजी, आहरण, माल, क्रय, विक्रय, क्रय वापसी, विक्रय वापसी का क्या कार्य होता हैं। 
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Terminology of Accounting 

Trade- व्यापार 

लाभ कमाने के उद्देश्य से किया गया वस्तुओ का क्रय-विक्रय व्यापार कहलाता है। 

Profession - पेशा

आय अर्जन करने के लिए किया गया कोई भी कार्य या कोई भी साधन जिसके लिए पूर्व प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है पेशा कहलाता है। जैसे- डॉक्टर, वकिल, शीक्षक, इंजिनियर आदि द्वारा किये गये कार्य पेशा कहलाता हैं। 

Business - व्यवसाय

ऐसा कोई वैधानिक (Statutory) कार्य जो आय व लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया हो व्यवसाय कहलाता है। व्यवसाय एक व्यापक शब्द है। 

जिसके अंतर्गत उत्पादन कार्य, वस्तुओ एव सेवाओ का क्रय-विक्रय, बैंक, बीमा, परिवहन कंपनियाँ आदि आते है। व्यापार व पेशा भी इसी के अंतर्गत आते हैं। 

Owner - मालिक

वह व्यक्ति या व्यक्तियो का समुह जो व्यापार में आवश्यक पूंजी लगाते है व्यापार का संचालन करते है। व्यापार की जोखिम सहन करते है तथा लाभ-हानि के अधिकारी होते है। व्यापार के स्वामी कहलाते हैं। 

यदि किसी व्यापार का मलिक एक व्यक्ति है तो वह एकाकी व्यापारी यानि Proprietor (मालिक) कहलाता हैं।

यदि मान लिजिए दो या दो से अधिक व्यक्ति है तो साझेदार यानि Partner कहलाते हैं। पर यदि बहुत से लोग मिलकर संगठित रुप से  कम्पनी के रुप में कार्य करते है तो वे उस कम्पनी के अंशधारी (Shareholder) यानि शेयर होल्डर कहलाते हैं। 

Capital - पुंजी 

व्यापार का स्वामी जो रुपया माल या संपति व्यापार में लगता हैं। उसे पुंजी कहते हैं। 

उदाहरण- रुपेश ने 20000 रु. नगद और 10000 रु. के माल से कपड़े का व्यापार प्रारम्भ किया। तो ऐसे स्थिति में उसकी इस व्यापार में लगी हुइ पुंजी की राशी 30000 रुपये होगी। व्यापार में लाभ होने पर पुंजी बढती हैं। और हानि होने पर पुंजी घटती हैं। 

Drawings - आहरण

व्यापार का स्वामी अपने निजी खर्च के लिए समय-समय पर व्यापार में जो रुपया या माल निकलता हैं। वह उसका आहरण या निजी खर्च कहलता हैं।

उदहारण – एक कपडे का व्यापारी है, वह व्यापार में से अपने परिवार के सदस्यो के लिए 600 रुपये का कपड़ा लेता हैं। तो यह उसका आहरण कहलायेगा। यह विक्रय नही माना जाएगा।

Goods - माल

माल उस वस्तु को कहते है। जिसका क्रय-विक्रय या व्यापार किया जाता हैं। माल के अंतर्गत वस्तुओ के निर्माण हेतु प्राप्त कच्ची सामग्री, अर्ध निर्मित सामग्री या तैयार वस्तुए हो सकती हैं। 

उदाहरण- वस्तु विक्रेता द्वारा खरिदा गया कपड़ा, चिनी मिल द्वारा खरिदा गया गन्ना व निर्मित सक्कर, फ़र्निचर के व्यापारी फ़र्निचर बनाने के लिए खरिदी गयी लकड़ी, तैयार फ़र्निचर, अनाज के व्यापारी व्दारा खरिदा गया अनाज । उन व्यापारियो के लिए माल हैं। 

क्रय (Purchase)

पुनः विक्रय के उद्देश्य से व्यापार में खरिदा गया माल क्रय या खरीदी कहा जाता है। व्यापार में माल उधार या नगद खरिदा जा सकता हैं।

उदाहरण- यदि कोई कपडा व्यापारी व्यापार के लिए कपडा खरिदता हैं। तो यह क्रय के अंतर्गत आयेगा। पर यदि वह अपने दुकान के संचालन के लिए फ़र्निचर खरिदता हैं तो यह क्रय यानि पर्चेस के अंतर्गत नही आएगा। क्यूंकि यह फ़र्निचर अपने दुकान को संचालित करने के लिए खरिदा हैं। बेचने के लिए नहीं। 

Sales - विक्रय

जो माल बेचा जाता है। उसे विक्रय कहते हैं। जो माल नगद बेचा जाता हैं। उसे नगद विक्रय यानी Cash Sales, और जो माल उधार बेचा जाता हैं। उसे उधार विक्रय यानि Credit Sales कहा जाता हैं। नगद और उधार विक्रय को मिलाकर कुल विक्रय यानी Turnover (आवर्त) कहा जाता हैं। 

Purchase Return - क्रय वापसी

जब खरिदे गये माल में से कुछ माल विभ्भिन कारणो से वापस कर दिया जाता है तो उसे क्रय वापसी कहते हैं। 

उदाहरण- हमने किसी से 1000 रुपये का माल खरिदा। उसमे से 100 रुपये का माल किसी भी कारण से खराब हुआ, किसी भी करण से हमने उसे वापस कर दिया। तो यह क्रय वापसी या Purchase Return कहलाएगा। 

Sales Return - विक्रय वापसी

जब बेचे गये माल का कुछ भाग विभिन्न कारणों से व्यापारी लौटा देता हैं। तो इस प्रकार की वापसी को विक्रय वापसी कहते है। 

उदहारण के लिए हमने किसी को 1000 रुपये का माल बेचा। और किसी कारण से 100 रुपये का माल उसने वापस लौटा दिया तो यह Sales Return कहलाएगा। 

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