Meaning, Classification & Rules of Accounting in Tally ERP 9

Account - खाते 

  • Meaning of Account - खाते से आशय 
  • Classification of Account - खातों का वर्गीकरण
  • Rules of Accounting - खातों को लिखने के नियामा

Meaning of Account - खाते से आशय 

किसी व्यक्ति विषय वस्तु, संपति, Profit या आय, Loss या व्यय (Expense), आदि से सम्बंधित व्यहारो का सक्षिप्त रिकार्ड हिसाब-किताब की पुस्तको में जिस शीर्षक में रखा जाता है। उसे खाता कहते हैं। यह तारीख के क्रम में और नियमानुसार होता हैं।

उदहारण- के लिए आशा ट्रेडर्स से संबंधित में लिखा जाएगा उसे आशा ट्रेडर्स का खाता करेंगे। 

  • खाते के दो पक्ष होते है। एक नाम पक्ष यानी Debit Side और दुसरा जमा पक्ष यानि Credit Side. 
  • Debit Side Left की तरफ होता है और Credit Right Side की तरफ होता हैं।
  • टैली में खाता यानी Account को ही लेजर कहा जाता है। 
  • Debit यानी नाम जब किसी खाते के नाम पता प्रविष्टि की जाती है तो इसे नाम या Debit करना कहते है। अग्रेजी भाषा में इसका सक्षिप्त रुप Dr होता है। 
  • Credit यानि जमा जब किसी खाते जमा पक्ष में प्रविष्टि की जाती है तो इसे जमा या Credit करना कहते है। और अग्रेजी भाषा में इसका सक्षिप्त रुप Cr होता है। 

Classification of Account - खातों का वर्गीकरण

खाते तीन प्रकार के होते है। 

  • Personal Accounts (व्यक्तिगत खाते):  यह वे खाते है जो किसी व्यक्ति, फर्म, स्थावो या कम्पनीयो से सम्बंधित होते है। जैसे- राम का खाता, आशा ट्रेडर्स का खाता, एबीसी लिमिटेड का खाता आदि. 

    यह ध्यान रहे कैपिटल व Drawing Account भी Personal Account होते है। क्योकि ये व्यापार के मालिक का प्रतिनिध्तव करते है।  इसी प्रकार से बैंक खाते भी व्यक्तिगत खाते होते है। इन खातो के बैलेंस से व्यापारी जान जाता है कि उसे किस व्यक्ति से कितना लेना है या उसे कितना रुपया देना है। 
  • Real Account (वास्तविक खाते): यह वे खाते होते है जो किसी वस्तु या सम्पति से सम्बन्धित होते है। इन्हे वास्विक खाते कहते है। जैसे- Cash Account, Furniture Account, Machinery Account, Building Account, Land Account, Motor Account, etc. Real Account का Balance हमेशा Debit होता है। 
  • Nominal Accounts (नाममात्र के खाते): यह वे खाते होते है जिनका सम्बंध किसी लाभ-हानि या आय-व्यय से होता है। इन्हे आय-व्यय खाते भी कहते है।

    जैसे- Interest a/c, Discount a/c, Commission a/c, Wages a/c, Purchase a/c, Sales a/c etc. इन का Total साल भर की आय एवं व्यय (Income and expenditure) को दर्शता है और साल के अंत में इन्हे व्यापार एवं लाभ-हानि (Profit - Loss) खाते में हस्तांतरित (Transfer) करके बंद कर दिया जाता है। 

Rules of Accounting - खातों को लिखने के नियम

Personal Accounts - व्यक्तिगत खाते

पाने वाले को डेबिट करो तथा देने वाले को क्रेडिट करो।
Debit the Receiver & Credit the Giver.

Question: राम को 1000 रु चुकाये।

  • जब भी हम कोई लेन-देन करते है तो दो खाते प्रभावित होते है। एक Ram का Account और दुसरा Cash Account जो कि Real Account के अंतर्गत आता है।
  • चूकि राम का Account Personal Account है और राम Cash प्राप्त करता है। इसलिये नियमानुसार उसका Account Debit होगा।

Question: Kishan से 5000 रु प्राप्त हुए।

अब यहा पर भी दो खाते प्रभावित हुए। एक तो Kishan का Account जो कि Personal Account है। और दुसरा Cash Account जो कि Real Account है। चूंकि Kishan देने वाला है इसलिये नियमानुसार उसका खाता Credit होगा। 

Real Accounts - वस्तविक खाते

जो वस्तु व्यापार में आये उसे Debit करो तथा जो वस्तु व्यापार से जाये उसे Credit करो। 
Debit What Comes in & Credit What Goes Out. 

Question: राम को 1000 रु चुकाये।

Personal Account के उदाहरण में बतया था कि राम को हमने 1000 रु चुकाये. यानी Cash बाहर गया। इसलिए Cash Account Credit होगा।

Question: Kishan से 5000 रु प्राप्त हुए।

इसी प्रकार Kishan से 5000 रु प्राप्त हुये। यानी Cash आया इसलिये यहा Cash Account Credit होगा। पर जब दोनो पक्ष  Real Accounts वाले होते है। तो आने वाली वस्तु या सम्पति का खाता Debit होगा और जाने वाली सम्पति या वस्तु का Account Credit होगा।

जैसे- हमने 1000 रु का फर्नीचर खरिदा। यहा फर्नीचर आया और Cash गया इसलिये फर्नीचर अकाउंट को Debit और Cash Account को Credit किया जाएगा। 

Nominal Accounts - नाममात्र के खाते

व्यय एवं हानियो को डेबिट करो तथा आय एव लाभो को क्रेडिट करो.
Debit the expenses & Losses & Credit the Income & Gains.

Question: हमने 1500 रु नगद वेतन चुकाया.

अब यहा पर दो खाते प्रभावित हुए. एक तो Salary Account जो Nominal a/c है। दुसरा Cash Account जो Real Account हैं। इसलिये इंट्री करते समय दोनो खातो को नियमो का ध्यान रखा जाएगा.

चूंकि Salary एक प्रकार का खर्चा है और ये Nominal Account के अंतर्गत आता है तो जैसा कि Nominal Account का नियम है।

"खर्चे एवं हानियो को डेबिट करो. तो सैलरी अकाउंट डेबिट होगा।"

और Cash Account Real Account के अंतर्गत आता है। जैसा की Real Account लिखने का नियम हैं।
"जो वस्तु व्यापर से जाये उसे  क्रेडिट करो।"

चूकि यहा पर Cash गया है इसलिये Cash Account को Debit किया जायेगा। 


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