What is GST - जीएसटी क्या है?

What is GST - जीएसटी क्या है? 

GST 1 July 2017 को भारत मे भारत सरकार द्वारा लागू किया गया। उससे पहले VAT था। जिसकी Full Form value Added Tax है।
https://shatotorial.blogspot.com/2020/01/What-is-GST.html

GST Definition - जीएसटी की परिभाषा

GST की Full Form होती है, Goods & Services Tax जिसमे Goods का मतलब "माल" और  Service का मतलब "सेवा" अर्थात Government द्वारा किसी भी प्रकार के माल के या किसी प्रकार की सर्विस पर लगया टैक्स Goods & Services Tax (गुद्स एंड सर्विस टैक्स) कहलाता है। 

आप मार्केट से कोई भी प्रोड्क्ट खरीदते है उसमे जिएसटी include होता है
जैसे- आपने 1200 रु का एक मोबाइल ख़रीदा तो उसमे 200 रु टैक्स होता है जो Government को जाता है। असल में बील में मोबाइल की वेल्यू 1000 रु होती है जिसे हम Taxable Value कहा जाता है, यानि वो वेल्यू जिस पर टैक्स लगता है बाकी के 200 रुपये टैक्स होता है जो पहले वैट कहलाता था और अब GST कहलाता है।  

हम ये सोचते है कि दूकान का मालिक के पास इस मोबाइल 1200 रुपये रहते है लेकिन actual में हमने मोबाइल के 1200 रुपये दिये उसमे 1000 रुपये तो मोबाइल की वेल्यू है और 200 रुपये टैक्स है जो हमने दूकान का मालिक को pay किया और 200 रुपये shop ownerसरकार को जमा कराने होते है। 

तो सीधा-सीधा कहा जा सकता है हम कोई भी Product खरीदते है उसमे जो टैक्स pay करते है उसमे सीधा Government को Pay करते है अब दूकान का मालिक कैसे टैक्स चुकायेगा यही हम आगे आने वाली पोस्ट में सीखेंगे।

अगर जीएसटी ना हो तो जो मोबाइल 1200 रुपये खरीदते है वो मोबाइल हमे 1000 रुपये में मिल सकता है। पर सरकार को देश को भी तो चलाना है और इन्ही टैक्स की वजह से सारी सरकारी सुविधाएँ इन्ही की वजह से चलती है। 

Type of Business

सबसे पहले हम ये समझ लेते है टैली में Business कितने प्रकार के होते है अर्थात Nature of Business कोई भी Business केवल दो ही तरह का होता है। 

  • Business for Purchase & Sales of Goods: जिसमे किसी भी तरह माल ख़रीदा या बेचा जाता है जैसे- Electronic shop, LCD, TV and Freeze ख़रीदा व बेचा जाता है। जैसे मोबाइल की शोप में मोबाइल को ख़रीदा एव बेचा अता है। ये सब Purchase & Sale की Category में आते है जिसमे किसी भी प्रकार के Product को Profit कमाने के लिए और बेचने के लिए ख़रीदा जाता है।  
  • Business for Service Providing: जिसमे किसी भी तरह कि सेवा का आदान-प्रदान होता है जैसे- Mobile Recharge, Telephone Recharge, Internet Recharge, Item Repairing, Hotel Services, Restaurant Service ये सभी Services की Category है और इसमे कोई माल खरीदा जाता है और ना ही कोई माल बेचा जाता है बल्कि किसी तरह कि सेवा दी जाती है और Profit कमाया जाता है। 

ये दो तरह के Nature होते है यानि दो तरह के Business की Category होती है तो अब बढते है अपने Next Topic की तरफ। 

Who needs to register in GST - किसे जीएसटी में पंजीकरण कराना है

  1. Govenment Roles के अनुसार जिनकी एक साल की sale (Turnover) 40 लाख से ज्यादा हैं। यानि 1 साल में 40 लाख से ज्यादा का माल बेच देते है तो उनको GST में Registration जरुरी हैं। और 
  2. जो 1 साल में 20 लाख से ज्यादा की सर्विस देते है। मान लिजिए 1 साल में 20 लाख से ज्यादा का mobile का recharge करते है तो उनको GST में Registration करवाना जरुरी है। अब किसी का Tornover 40 लाख  व 20 लाख से कम है तो भी Firm को GST में Regisration करवाना जरुरी होता है। 

अब किसी का Turnover 40 लाख व 20 लाख से कम है तो भी firm को जीएसटी मे पंजिकरण करवाया जा सकता है और जो जीएसटी में पंजिक्रित होते हैं। उन्हे जीएसटी का लेन-देन रखाना पडता है इसीलिये जीएसटी परसन को एक Accountant की जरुरत पडती है। 

Document Required for GST Registration 

GST पंजीकरण के लिए कौन-कौन से Document जमा करवाना पड़ता है। जिसको भी जीएसटी में पंजीकरण करवाना है दिये गये Document के साथ https://www.gst.gov.in/ website पर apply करके GST Form भरना पडता है। 
  • Aadhar Card
  • PAN Card Passport Size Photo 
  • Bank Account 
  • Valid Mobile Number
  • Address Proof 
  • Electricity bill या दूसरी चीज 
  • Rent Agreement (अगर दुकान किराये पर है तो)
  • Firm का नाम

ये Document GST Registration के लिए देने पडते है। पर condition के आधार पर 1 या 2 Document की जरुर पड़ सकती हैं। Apply करने के बाद 3 से 5 दिन बाद एक नम्बर मिलता है जिसे जीएसटी नम्बर कहते है। 

What is GST Number - जीएसटी नंबर क्या है?

09ABCDE1234F125
GSTIN की Full-Form है। Goods & Service Tax Identification Number है और GST Number 15 Digit के होते हैं। जिसमे पहले के दो Digit State Code होते है। जैसे- 09

आगे 10 नम्बर PAN Card Number ABCDE1234F जिसने भी GST Registration करवाया है उसके PAN Card नम्बर होते हैं। उसके बाद अगला 1 नम्बर पैन कार्ड के चार नम्बर होते है उसमे से कोई भी 1 नम्बर होता हैं। उसके बाद 1 नम्बर बाई डिफाल्ट Z होता है और लास्ट का 1 नम्बर कुछ भी हो सकता हैं। जैसे-  125 


GST Tax Rate - जीएसटी कर की दर

फ़िलहाल आजतक 5 तरह के जीएसटी रेट है जो आगे चलकर बदल सकते हैं तो फ़िलहाल 5 तरह के जीएसटी रेट हैं। जो इस प्रकार है- 
  • GST @ 0%:  वह आइटम्स या सर्विसेस जिन पर कोई भी जीएसटी टैक्स नही लगता है जैसे- खाद, बीज, दुध एव अण्डा। 
  • GST @ 5%: वह आइटम्स या सर्विसेस जिन पर 5% जीएसटी लगता है। जैसे- सुगर, मशला, चाय इत्यादि। 
  • GST @ 12%: वह आइटम्स या सर्विसेस जिन पर 12% जीएसटी लगता है। जैसे- मोबाइल फोन, कम्प्युटर इत्यादि। 
  • GST @ 18%: वह आइटम्स या सर्विसेस जिन पर 18% जीएसटी लगता है। जैसे- Telephone, school bag इत्यादि। 
  • GST @ 28%: वह आइटम्स या सर्विसेस जिन पर 28% जीएसटी लगता है। जैसे- AC, Cement, Luxury itmes etc. 
अ‍ब यहा पर हमने कुछ ही आइटम का उदाहरण लिया लेकिन ऐसे बहुत सारे प्रोड्क्ट हैं। जिन पर Goverment के Rules के हिसाब से 5 में कोई भी टैक्स लगता है। 

अब हमे यह जानने की जरुरत नही है कि कौन से आइटम पर कितना प्रतिशत टैक्स लगता। क्यूकि जितना भी टैक्स लगता है वो बिल पर लिखा होता हैं। दुनिया मे बहुत सारे प्रोड्क्ट है आप किन-किन प्रोड्क्ट की जीएसटी जान पाओगे। 

How GST Apply - GST कैसे लागू होता है? 

जब कोई GST में पंजिकृत फर्म माल खरिदती है तो जो टैक्स लग कर आता हैं। उसे input tax कहते हैं। ये टैक्स आइटम के अनुसार 0%, 5%, 12%, 18% एवं 28 प्रतिशत कुछ भी हो सकता है जैसा कि हमने बताया था। 

प्रोड्क्ट में जो टैक्स लगता है वो तो एक तरफ से सरकार के पास Deposit होता है। हम सरकार से यह Tax नही ले सकते लेकिन customer से इस टैक्स को सकते हैं। जैसे- जब वापस उस खरिदे गये माल को बेचेंगे तब टैक्स बिल मे हम लगायेंगे तो उसे हम ouput Tax कहते है और जो sales में हमने टैक्स लगाया गया है उससे हमारा वो टैक्स कवर हो जाता है जो हमने purchase करते वक्त सरकार को टैक्स pay किया था लिकिन profit के टैक्स का हिस्सा सरकार को देना पडता है। 

नोट- Customer से हमने 5.50 रुपये टैक्स लिया जिसमे से 5 रुपये टैक्स हमने आइटम purchase करते वक्त ही paid कर दिया। वाकि का 50 पैसा Tax paid करना है। 

How GST apply in invoce - चालान में जीएसटी कैसे लागू होता है। 


चालान में जीएसटी कैसे लागू होता हैं। जब भी हम कोई माल खरिदते है तो बिल मे जीएसटी लग कर आती है और तब जीएसटी लगना पडता है। अब जीएसटी को दो तरह से वसुला जाता है जो निम्न है-

CGST and SGST

जब भी माल एक ही राज्य से खरीदा जाता है या एक ही राज्य मे बेचा जाता है जैसे उत्तर प्रदेश से उत्तर प्रदेश तो CGST and SGST लगता है। वो भी Tax Rate 50% - 50% 

जैसे- 1000 रुपये का मोबाइल खारिदा टैक्स लगा 12%. 

1000 * 12/100 = 120 रु. 
1000 रुपये का मोबाइल खारिदा जिसका टैक्स 12% है और उसे उत्तर प्रदेश के अंदर मे बेच दिया तो इस प्रकार टैक्स devide होगा जिसमे मोबाइल की वैल्यू आयेगी 1000रु. और उसपे SGST लगेगा 6%=60रु. और CGST @6%=60रु. इस तरह मोबाइल की वैल्यू हो जाएगी 1120 रुपये. 

IGST

जब भी कोई माल किसी दुसरे राज्य से माल खरिदा जाता है। और किसी दुसरे शहर मे बेचा जाता है। जैसे मै उत्तर प्रदेश का हु और कोई आइटम दिल्ली से खरिदा तो igst tax लगता है वो भी जितनी tax rate है। 

जैसे- 1000 रुपये का मोबाइल खारिदा जिसका tax rate 12% है।  उसे हमने उत्तर प्रदेश नही बल्कि पंजाब के किसी शहर मे बेचा तो इस प्रकार Tax Divide होगा जिसमे मोबाइल की वैल्यू= 1000रु. IGST@12% = 120रु. टोटल हो जाएगा 1120 रुपये. 

तो इस प्रकार कोई भी माल खुद के ही शहर मे खरिदा जाता है या खुद के शहर मे बेच दिया जाता है तो SGST and CGST लगाता 50-50 प्रतिशत। अगर किसी भी दुसरे राज्य से खरिदा जाता या बेचा जाता है तो IGST लगता है। 

Type of GST Registration - जीएसटी पंजीकरण

GST में फर्म को दो तरह से Register करवाया जा सकता हैं। जैसे- 
  1. Composition Firm 
  2. Regular Firm. 
अब इन दोनो फर्म मे क्या फर्क है ये हम अगले चैप्टर मे देगेंगे। 

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