Tally कि इस Series के आज के अध्याय में हम आपको बताएंगे कि टैली में Receipt Voucher क्या है और उसमें transaction (लेनदेन) कैसे रिकॉर्ड करते हैं।
इससे पहले वाली पोस्ट में हमने आपको Tally में Company Features और Configuration क्या है तथा इनके महत्व और उपयोग के बारे में बताया था।
अब इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे Receipt Voucher के बारे में और इसी के साथ हमारा टैली में Transaction Record करने का काम भी आरम्भ हो जाएगा। जो की Accounting का मुल आधार हैं।
Receipt Voucher Definition
Cash Sales से प्राप्त होने वाली कोई भी राशि यानि प्राप्ति इस Voucher में नही आयेगी क्योंकि Tally ने Sales के लिए अलग से Voucher बना रखा हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य –
जब भी कोई Transaction होता है तो उसे रिकॉर्ड करने के लिए सबसे पहली Step है कि हम यह पहचानें कि Transaction किस Voucher में रिकॉर्ड होगा।
“किसी भी Transaction को देखकर कैसे पहचानें कि उसे Tally में किस Voucher में रिकॉर्ड करना हैं”। ये वाली पोस्ट में बता चुके हैं।
Transaction पहचानने वाली विडियो में हमने Receipt Voucher से सम्बंधित कुछ Transaction छाट लिये थे। उन्ही Transaction को टैली में रिकॉर्ड कराएंगे।
Receipt Voucher में काम करने से पहले हम आपको याद दिला दे Manual Accounting के process के बिच हमने आपको Journal में Entry करने के कुछ नियम बताये थे। और चूंकि टैली में हम Journal के स्थान पर वाउचर का उपयोग करते है इसलिए Journal के वही नियम यहा भी लागू होंगे।
Journal में Entry करने के नियम-
- आप Transaction सामने रखकर यह देखें कि प्रभावित होने वाले दो खाते कौन से हैं, उनका नाम क्या है या उनका क्या नाम दे सकते हैं।
- दोनो खाते किस प्रकार के हैं। जैसे- Personal Account, Real Account या Nominal Account.
- इन दोनों खातों के बारे में Golden Rules of Accounting क्या कहते हैं, यानी इनमें से कौन सा अकाउंट डेबिट होगा और कौन सा क्रेडिट होगा।
Question: 1 अप्रैल को हम व्यापार प्रारंभ करने के लिए 1,00,000 रुपये नकद (Cash) पूंजी (Capital) लाए।
इस ट्रंजैक्शन में प्रभावित होने वाले दो खाते कौन से हैं?
- यहा नकदी आयी है तो ये हुआ एक खाता और दुसरा खाता देखते है। अब नकदी कौन लाया है।
यहा नकदी (Cash)आयी है तो ये हुआ एक खाता और दुसरा खाता देखते है। अब नकदी कौन लाया है।
"1 अप्रैल को हम व्यापार प्रारंभ करने के लिए 1,00,000 रुपये नकद (Cash) पूंजी (Capital) लाए।"
“हम” यानी व्यापार का स्वामी नकदी (Cash) लाया है। जैसा की हमने Capital की परिभाषा में बताया था। कि जब कोई व्यक्ति अपने व्यापार में कोई सम्पती या माल या नकदी लाता हैं। ये उसकी पूंजी कहलाती हैं।
पूंजी (Capital) – व्यापार का स्वामी (Owner) जो रुपया, माल, या सम्पत्ति व्यापार में लाता/लगाता है, यह उसकी पूंजी कहलाती हैं।
तो यह हुआ हमारा दूसरा खाता यानी इस Transaction मे प्रभावित होने वाले दो खाते है। नकदी यानी Cash a/c और पूंजी यानी Capital A/c.
खाते किस प्रकार के हैं?
इसका निर्णय आप Type of Account (खातों के प्रकार) के Definition को ध्याम में रख कर सकते हैं। इसके बारे में हम आपको Details में Definition of Account & Types of accounts में बता चुके हैं।
Type of Account के आधार पर ये कह सकते है कि नकदी का खाता Real A/c है और पूंजी (Capital) का खाता Personal A/c हैं।
कौन सा खाता Debit होगा और कौन सा Credit?
इसके बारे में हम आपको Golden Rules of Accounting by Accounting वाली वीडियो में बता चुके हैं।- पूंजी आयी यानी प्राप्ती हुई है और इसे देने वाला है Capital Account जो की Personal Account हैं। Personal Account के लिए Golden Rules हैं।
“देने वाले को क्रेडिट करो। (Credit the Giver)”
- दुसरा खाता जो कि Cash का है व्यापार में Cash आया है और Cash Real Account है और Real Account के नियमानुसार Golder Rules of Accounting हैं।
जो वस्तु व्यापार में आए, उसे डेबिट करो। (Debit what comes in)
Transaction in Tally ERP 9
Tally में जैसे ही कोई Company Open करते है तो सबसे पहले Gateway of Tally की window दिखाई पडती हैं। यहा आपको अलग अलग Heading जैसे- Master, Transaction, Utilities व Reports दिखाई पड़ रहे हैं। और इसके अंदर कुछ ऑप्शन दिखाई पड़ रहे हैं।
Masters के अंतर्गत जो Accounts Info देख रहे है उसमें हम Ledger के बारे में सीख चुके हैं। आज हम Transaction Heading के अंतर्गत आने वाले पहले ऑप्शन Accounting Vouchers में काम करने जा रहे हैं।
इसमें हमे सभी तरह के Accounting Vouchers Record करने के लिए अलग-अलग Voucher मिलते हैं। जिन्हे हम आगे एक-एक करके देखेंगे।
अभी हम Receipt Voucher बनाना चाहते है तो उसके लिए Accounting Voucher पर जाना होगा। और Accounting Voucher पर जाने के लिए keyboard से V प्रेस करें।
आगे बढने से पहले F12 Key सहायता से कुछ Configuration Check कर लेते हैं।
यहा पर पहले तीन ऑप्शन No होना चाहिये। उसके बाद Use Cr/Dr instead of To/By during entry Yes होना चाहिए। यदि ये सही है तो Esc Keys से बाहर आ जाए। यदि नही तो आप Enter/Down arrow Key से उन पर जा कर उन्हे Y/N Key Press करके Yes या No कर सकते हैं।
- अब सभी setting को सेव करने के लिए Ctrl + A प्रेस करके सेव कर लें।
अभी जो हमने जो Configuration का उपयोग किया है उसका प्रभाव हमारी कम्पनी के सभी वाउचर पर रहेगा। मतलब इसका कम्पनी में काम करते समय अगले किसी भी वाउचर में हमें इनमे से कुछ भी बदलाव नही करना पडेगा।
- Right Side Button Bar में सभी Voucher के नाम के पहले उनके Shortcut दिखाई पड रहे हैं।
- Receipt Voucher के लिए F6 Keys को प्रेस करें।
- F6 Key प्रेस करते ही Receipt Voucher की Creation Window ऑपन हो गई हैं।
- अभी हम Date पर है आपको जिस तारिख में ये वाउचर बनाना है वो तारिख यहा टाइप करें।
- Credit में हमें जिससे रुपया प्राप्त हो रहा है उस लेजर का नाम लेना होता हैं। जैसे- कोई पार्टी का अकाउंट या कोई इनकम अकाउंट या कैपिटल अकाउंट हो सकता हैं।
- Debit में जिस तरह से रुपया प्राप्त हो रहा है जैसे- Cash या Bank के माध्यम से तो उसका अकाउंट लेना होता हैं।
ध्यान रखें, Receipt Voucher में देने वाले का अकाउंट हमेशा पहले आता है और वो क्रेडिट होता है और जिस तरह से रुपया प्राप्त होता है जैसे- कैश या बैंक के माध्यम से वो बाद में आता है और डेबिट होता हैं।
- देखिए Right Side में List of Ledger Account आ रही है।
- इस List में से आप वो Ledger Select करें। जिसे आप Credit करना हैं।
- उसके लिए उस Ledger के नाम का पहला अक्षर टाइप करें।
- हम Proprietor’s Capital A/c के लिए P Type.
- ऐसा करते ही टाइप किये गये अक्षर से सुरू होने वाले सभी नाम यहा पर highlight हो गये हैं।
- आप Up & Down Arrow से उस पर जा करके enter प्रेस कर दें।
- Credit में Proprietor’s Capital A/c को Select करके Enter Press करें।
- अब Debit में पहले बताये अनुसार Ledger Select करें। अतः हमें Cash Account Debit करना हैं। इसलिए उसे Select कर रहे हैं।
- अब ऐसा करते ही जो रासी क्रेडिट में लिखी थी वही राशि डेबिट में भी आ गई हैं।
- Narration में आपने उपर जो Transaction record किया है उसका सक्षिप्त विवरण दे। जैसे- Being Rs. 100000 cash brought in by the proprietor as capital.
- Enter Press करते ही इस विंडो को Save कर लें।
Q. 2: 1 मई को हमने जो माल किसी व्यक्ति को अशोक ट्रेडर्स से दिलवाया था, अशोक ट्रेडर्स से हमें उसका Commission रू. 5000 चेक व्दारा प्राप्त हुआ जो हमने State Bank of India के खाते में Deposit किया।
इस ट्रांजैक्शन में प्रभावित होने वाले दो खाते कौन से हैं?
- कमीशन प्राप्त हुआ है यानी एक खाता Commission Received का हैं।
- कमीशन किस तरह प्राप्त हुआ है कैश या बैंक के माध्यम से तो हमें चेक प्राप्त हुआ है। चेक बैंक में जमा होगा यानी दुसरा खाता बैंक का होगा।
खाते किस प्रकार के हैं?
- Commission Received का खाता Nominal a/c हैं।
- Bank का खाता Personal a/c.
कौन सा खाता Debit होगा और कौन सा Credit?
- सभी खर्च एव हानियों को डेबिट करो। (Debit all expenses and losses)
- सभी आय और लाभो को क्रेडिट करो। (Credit all income and gains)
- पाने वाले को डेबिट करो (Debit the receiver)
- देने वाले को क्रेडिट करो। (Credit the Giver)